श्रीमद्भगवद्गीता टीका पठन एपि सं. 35 अध्याय 3 का श्लोक संख्या.6 - a podcast by Kiran Acharya

from 2021-01-14T04:30:01

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🌞आप सभी को मकर सक्रांति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।🌞 सेवा से समता सहजता विनम्रता शाति आदि गुण विकसित होते है अतः हम सेवाकर्म करें।और गीता में श्री कृष्ण.अर्जुन से कहते हैं कोई भी मनुष्य बिना कर्म किए नहीं रह सकता प्रत्येक मनुष्य. प्रकृति. द्वारा कर्म करने को बाध्य है। केवल ऊपर से इंद्रियों को विषयों से हटा लेना उचित नहीं।

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