Ram Stuti राम स्तुति - a podcast by RaJaT JaiN

from 2022-04-09T04:55:50

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Ram Stuti राम स्तुति ★ जय रघुनंदन रविकुलचंदन,जय करुणा के नाथ हरे। जय असुरनिकन्दन कृपानिकेतन,तेरी जयजयकार करें।

मर्यादा भी जिससे मर्यादित, ऐसे पुरुषोत्तम को वंदन
इक्ष्वाकु वंश के गौरव को हम, कोटि कोटि करते हैं नमन।

प्रजापाल दनुजों के घालक, दीनों की करुण पुकार सुनें
प्रभु के आशीष की छाया में, बिगड़ों के सारे काज बने।

दृग से हीन जगत को देखे, पंगु भी सागर पार करे
ऐसे रघुवर की भक्ति से, निर्धन का भी घरद्वार भरे।

मूक व्यक्ति वक्ता बन जाए,फलरहित तरू फूले और फले
श्री राम नाम की शक्ति से,बुझते दीपक में ज्योति जले।

चरण कमल स्पर्श से जिनके, पाहन नारी का रूप धरे
ऐसे अवधपति की कृपा से, तारिणी गंगा भी स्वयं तरे।

खाकर जूठे बैर जिन्होंने, सबरी को भी तृप्त किया
ऊँच नीच के भेदभाव से, निज भक्तों को भी मुक्त किया।

जिनके शौर्य की आभा से, रावण के कुल का दमन हुआ
उनके शर से भीत सिन्धु भी, चरण पूज कर भृत्य हुआ।

कमल नयन श्री दशरथनंदन , जग के पालनहार है
दीनों के संकटहर्ता को , अभिनंदन बारम्बार है।

- आनंद प्रताप सिंह
इलाहाबाद विश्वविद्यालय

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